बैंकों का सर्वर डाउन कैसे होता है?
आप बैंक में नगद निकासी करने या फिर कॅश डिपाजिट करने जाते है और बैंककर्मी आपको बताता है की बैंक का सर्वर डाउन है, और आपका काम नहीं हो पाता। क्या आपको पता है बैंकों का सिस्टम या नेटवर्क कैसे काम करता है? यदि नहीं तो यह पोस्ट खास करके आपके लिए ही लिखा गया है।
Server : बैंक के सभी कामकाज ऑनलाइन तरीके से किये जाते है। प्रत्येक बैंक का मिनिमम एक सर्वर होता है। जहा बैंक का सम्पूर्ण डाटा स्टोर करके रखा जाता है। सर्वर एक प्रकार के कम्प्यूटर्स ही होते है। हालाँकि वे सिर्फ डाटा स्टोरेज और डाटा को इंटरनेट पर शेयर करने हेतु कॉन्फ़िगर किये होते है।
Internet : बैंकों के सर्वर इंटरनेट से जुड़े होते है तभी कोई ब्रांच उस सर्वर के डाटा तक पहुँचप्राप्त कर सकता है। यदि आप नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते है और लॉगिन करते वक्त कोई समस्या होती है तो उसके पीछे सर्वर का प्रोब्लेम होता है। यदि सर्वर का इंटरनेट कनेक्शन काम नहीं कर रहा हो तो तब भी सर्वर डाउन हो जाएगा और आपका काम अधूरा रह जायेगा।बैंकों के पास एक वेब सर्वर (हमारे लिए लॉग इन करने और लेनदेन करने के लिए), एक मिडलवेयर सर्वर (एप्लिकेशन लॉजिक) और एक डेटाबेस सर्वर होना चाहिए। यह एक विशिष्ट 3-स्तरीय वास्तुकला है।
सभी 3 सर्वरों के एक ही समय में डाउन होने की संभावना अत्यंत दुर्लभ है क्योंकि सभी सर्वरों के लिए अतिरेक है। एक ग्राहक के रूप में, हमें कभी पता नहीं चलेगा कि मिडलवेयर सर्वर या डेटाबेस सर्वर डाउन है या नहीं। ये बैकएंड में जुड़े हुए हैं। ग्राहकों के लिए, केवल फ्रंटएंड सर्वर तक पहुंच है जो कि वेब सर्वर है।
यदि सभी वेबसर्वर डाउन हैं, तो हम लॉग इन नहीं कर पाएंगे। यह आमतौर पर तब होता है, जब एप्लिकेशन टीम एक अपग्रेड को तैनात करती है और पूर्ण सिस्टम डाउन हो जाते हैं।
एक आसान तरीका बैंक की वेबसाइट को पिंग करना और उसकी उपलब्धता की जांच करना है। ऑनलाइन बहुत सारे पिंग संसाधन उपलब्ध हैं जो मदद कर सकते हैं। भले ही वेबसाइट चालू हो और आप लॉगिन या लेनदेन करने में असमर्थ हों, यह मिडलवेयर या डीबी सर्वर के साथ एक समस्या का संकेत देता है।
आप कभी नहीं जान सकते कि साइट के साथ वास्तव में क्या हुआ क्योंकि बैंक कभी भी अपने आउटेज का विवरण प्रकाशित नहीं करते हैं। अगर वे प्रकाशित करते हैं, तो मेरे जैसा कोई आरसीए मांग सकता है :)कोई भी बैंक को स्मूथली वर्क करने के लिए –
- फ़ास्ट इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए।
- सर्वर का कॉन्फ़िगरेशन सही होना चाहिए।
- कॉन्फ़िगरेशन के साथ साथ सर्वर का सॉफ्टवेयर और फ्रॉंटेंड सॉफ्टवेयर भी सही होना चाहिए।
- सर्वर हमेशा इंटरनेट से कनेक्टेड रहना चाहिए।
- सर्वर का बैंडविड्थ अधिक होना चाहिए, जिससे अचानक बढ़ने वाले ऑनलाइन ग्राहकों को सर्वर हैंडल कर पाए।
अगर ये चीजे सही है तो बैंकिंग कामकाज आसानी से हो जाएगी और किसी कस्टमर को निराश होने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
AEPS Service Down Issue
जनवरी, 2021 के पहले हफ्ते में PM Kisan Yojna का पैसा किसानों के बैंक खातों में जमा हुआ। इस पैसे को बैंक अकाउंट से निकालने के लिए ज्यादातर AePS Service का उपयोग किया गया, और अचानक लेनदेन की संख्या बढ़ गयी। इसी वजह से कई बैंकों का सर्वर फ़ैल हुआ था और AePS Transactions नहीं हो रहे थे। Server Down होने का मुख्य कारण था – सर्वर का बैंडविड्थ। जितना सर्वर का बैंडविड्थ ज्यादा रहेगा उतना ही अधिक ट्रांसक्शन्स को एक साथ प्रोसेस कर पायेगा।
बैंक्स हमेशा जरुरत से अधिक बैंडविड्थ वाले सर्वर का उपयोग करते है, लेकिन कभी कभी ऐसा होता है की visitors/Transactions बढ़ जाते है और सर्वर हैंडल नहीं कर पाता इसलिए सर्वर कुछ देर के लिए डाउन हो जाता है।Server Maintenance