How to choose perfect AePS Provider?
Market में ढेर सारे AePS सर्विस प्रदाता मौजूद है, और सभी कंपनियों में कुछ न कुछ अंतर जरूर होता है। कोई भी AePS Service Provider के साथ जुड़ने से पहले कमीशन एंड चार्जेस, सर्विसेस, mPOS मशीन, सेटलमेंट प्रोसेस आदि बातों पर जरूर ध्यान दे। आइये इन फैक्टर्स को डिटेल में देखते है?
Commission Structure
1 . किसी भी कंपनी का कमीशन स्ट्रक्चर पूछना आम बात है। एजेंट/रिटेलर की कमाई इसी पर निर्भर होता है। लगभग सभी लोग ग्राहकों से अतिरिक्त पैसा लेते है, और इस प्रकार के एजेंट्स को कमीशन से ज्यादा कुछ लेना देना नहीं रहता।
2 . बिल पेमेंट का कमीशन की बात करें तो कुछ कम्पनिया कमीशन देने के बजाय एजेंट से चार्ज लेती है। हालाँकि बिल पेमेंट पर ज्यादा कमीशन नहीं दिया जाता है। कुछ कम्पनिया फिक्स्ड कमीशन देती है तो कुछ कम्पनिया बिल पेमेंट के अमाउंट के अनुसार % में कमीशन प्रदान करती है।
3 . मोबाइल और DTH रिचार्ज पर 0.10% से अधिकतम 2.5% तक कमीशन दिया जाता है।
यह भी पढ़े : Best AePS service provider in India 2021
Settlement Procedure and Charges
1 . सेटलमेंट प्रक्रिया : प्रत्येक कंपनी का सेटलमेंट प्रक्रिया भिन्न होती है। कुछ कम्पनिया IMPS के माध्यम से सेटलमेंट करते है तो कुछ NEFT के जरिये Settlement प्रक्रिया पूरी करते है।
2. सेटलमेंट चार्ज : AePS कंपनियों का सेटलमेंट चार्ज भी एक-दूसरे से अलग होता है। साधरणतः 25000 रूपये से निचे का सेटलमेंट राशी पर मिनिमम 3 रूपये से लेकर 10 रूपये तक का ट्रांसफर फीस लेते है।
Trusted Distributor
1 . जब आप ऑनलाइन किसी डिस्ट्रीब्यूटर से रिटेलर आईडी लेते है, फ्रॉड होने का डर होता है। इसलिए थोड़ा सोच समज के आगे कदम बढ़ाइए।
2 . बड़े-बड़े कम्पनिया भी कुछ रिटेलर्स को फंसाते है। मेरा मतलब किसी आईडी की कीमत पहले कम बताते है, बाद में आगे सेवाएं अपग्रेड करने के लिए बहुत ज्यादा पैसों की मांग करते है। ऐसे कंपनियों से भी बचके रहे।
3 . कुछ डिस्ट्रीब्यूटर केवल आईडी बेचने से मतलब रखते है और रिटेलर को परेशानी होने पर सहायता भी नहीं करते है। हालंकि सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स बुरे नहीं होते है।
4 . आपको अपने ही एरिया का डिस्ट्रीब्यूटर चुनना चाहिए ऐसा भी नहीं है। क्योंकि डिस्ट्रीब्यूटर्स को ज्यादा कुछ करने के अधिकार नहीं होता है।
Whit label vs Main Companies
1 . भारत में मुख्य AePS कम्पनिया (जो डायरेक्ट बैंक के BC होते है) उँगलियों में गिनने लायक है। ये मुख्य कम्पनिया वाइट लेबल या API आधारित सेवाएं भी बेचती है। जिन लोगो के पास 4-5 लोगो का स्टाफ होता है वो लोग वाइट लेबल या API का उपयोग करके अपने ब्रांड नाम के साथ AePS सेवाएं लॉन्च करते है। इन कंपनियों से सेवाएं लेना भविष्य में नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि ये कब डूब जायेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं होती है।
Security
1 . अब पैसे का लेनदेन करना है तो वेबसाइट और ऍप्लिकेशन्स भी सुरक्षित होना अनिवार्य है।
2 . यह सुनिश्चित करे की, लॉगिन करते वक्त या फिर सेटलमेंट करते वक्त टू – फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसे सिक्योरिटी मेथड्स का उपयोग किया जाता है या नहीं।
3 . बायोमेट्रिक डिवाइस और POS मशीन सिक्योरिटी स्टैण्डर्ड से मान्यता प्राप्त होते है।
4 . बहुत सारे कंपनियों में ट्रांसक्शन पासवर्ड का इम्प्लीमेंटशन नहीं किया गया है, ट्रांसक्शन्स को और भी सिक्योर करता (Unauthorized एक्सेस से बचाता) है।
Banks
1 . प्रत्येक कंपनी के AePS Service में कम-ज्यादा बैंक्स देखने को मिलते है। AePS सर्विस लेते वक्त इस बात पर ध्यान दे की, आपके क्षेत्र में जो बैंक्स है उनकी सर्विस एप्लीकेशन में मौजूद हो। अन्यथा आईडी किसी काम में नहीं आएगी।
2 . यह भी सुनिश्चित करे की, जिन सेवाओं की आपको आवश्यकता है, वो सेवाएं एप्लीकेशन उपलब्ध है या नहीं।
Biometric Devices
1 . यदि आपके पहले से बायोमेट्रिक डिवाइस उपलब्ध है, तो आप उसी कंपनी की एजेंट आईडी लेना चाहेंगे जिसमे वह मशीन काम कर सके। इसलिए अपने डिस्ट्रीब्यूटर से इसके बारे में इन्क्वायरी करें। अधिकतर कम्पनिया मोरफो डिवाइस को सपोर्ट करती है।
Mini ATM / mPOS
1 . PAX D180 मिनी एटीएम में केवल डेबिट कार्ड से नगद निकाशी कर सकते है। डेबिट क्रेडिट कार्ड दोनों प्रकार के कार्ड्स स्वीकारने के खास तरह के mPOS मशीन का उपयोग किया जाता है, जैसे की ME30S। आईडी खरीदते वक्त इन बातो का ध्यान रखे।
2 . mPOS डिवाइस पर महीने का मेंटेनन्स शुल्क (मंथली रेंटल चार्ज) भी एजेंट से लिया जाता है। जो की 60 रूपये से 200 रूपये तक हो सकता है। एजेंट इसके बारे में जानकारी जरूर प्राप्त करे।
यह भी पढ़े : Micro ATM service providers in India