Tax
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TDS on Commission and Brokerage : Section 194H
TDS on Commission and Brokerage : Section 194H TDS on Commission and Brokerage : Section 194H — यदि आप किसी अन-प्रोफेशनल वर्क करके Commission या Brokerage अर्जित करते है, तो आपके कमाए हुए कमीशन से आपके एम्प्लायर द्वारा TDS काटा जाता है। आपको कमीशन मिलने से पहले ही TDS Act के Section 194H के अंतर्गत आपके कमीशन से काट लिया…
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यदि आपके पास GSTIN Number है, तो इस तरह से हजारों रूपये बचा सकते है।
यदि आपके पास GST Number है, तो इस तरह से हजारों रूपये बचा सकते है। GSTIN Benefits : जी हाँ, ये सच है की आप GST Number (जिसे GSTIN नाम से भी जाना जाता है) का उपयोग करते है तो आप महीने में हजारों रूपये बचा सकते है। GSTIN एक टैक्स से सम्बंधित शब्द है। एक व्यापारी GSTIN का उपयोग…
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Does RNFI Services (Relipay) files GST on time
Does RNFI Services (Relipay) files GST on time? यदि आप एक डिस्ट्रीब्यूटर या सुपर डिस्ट्रीब्यूटर है, तो आपके लिए यह महत्त्वपूर्ण होता है की आपका सप्लायर समय पर GST File करता है। सप्लायर द्वारा समय पर GSTR-1, GSTR-5और GSTR-6 File करने बाद ही आपका GSTR-2A (Auto drafted) जनरेट होगा। GSTR-2A जनरेट होने के बाद प्रत्येक महीने के 14 तारीख के…
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Input Tax Credit (ITC) Under GST
Input Tax Credit (ITC) under GST GST में Input Credit Tax एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसे शार्ट फॉर्म में ITC भी कहते है। यदि आपका GST रजिस्ट्रेशन हो चूका है, तो आपको ITC के बारे पता होना जरुरी है। इस लेख में Input Credit Tax (ITC) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में दी हुई है, लेख को अंत तक…
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How to surrender LIC policy after 5 years?
+++++++++जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की पॉलिसियों को कम से कम तीन साल तक प्रीमियम का भुगतान करने के बाद सरेंडर किया जा सकता है। यदि पॉलिसीधारक तीन साल से पहले पॉलिसी को सरेंडर कर देता है, तो कोई सरेंडर वैल्यू नहीं होगी। हालांकि, पॉलिसी के समर्पण की अनुशंसा नहीं की जाती है क्योंकि समर्पण मूल्य हमेशा आनुपातिक रूप से कम…
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