ऐसा करने से आपका रिटेलर आईडी ब्लॉक हो सकता है और भविष्य में दुबारा कोई भी कंपनी की आईडी नहीं मिलेगा

ऐसा करने से आपका रिटेलर आईडी ब्लॉक हो सकता है और भविष्य में दुबारा कोई भी कंपनी की आईडी नहीं मिलेगा।

रिटेलर आईडी ब्लॉक : AePS या mATM Service के माध्यम से नगद निकासी करने पर प्रत्येक ट्रांसक्शन पर कमीशन प्रदान किया जाता है। कुछ लोग/रिटेलर्स ऐसे भी है, जो ज्यादा कमीशन प्राप्त करने के लिए एक ट्रांसक्शन की जगह 2 या 3 ट्रांसक्शन करते है, और इस तरह से नगद निकासी NPCI के नियमों का उल्लंघन है। NPCI सेंट्रलाइज्ड आर्गेनाइजेशन है, जो भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम्स के लिए निर्णायक कायदे बनाता है। इस तरह से लेनदेन करते हुए पाए जाने पर आपकी रिटेलर आईडी ब्लॉक हो सकती है।

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उदहारण :

मान लीजिये, एक ग्राहक अपने बैंक खाते से Rs.10000 रूपये विथड्रावल करना चाहता है। यदि बैंक से एक ट्रांसक्शन में Rs.10000 विथड्रावल करने की अनुमति है तो यह अमाउंट एक ही ट्रांसक्शन में विथड्रावल हो जायेगा। हालाँकि, रिटेलर एक बार में Rs. 10000 रूपये विथड्रावल करने के बजाय अलग – अलग (Rs.5000 + Rs. 5000 या Rs. 3000 + Rs. 3000 + Rs. 4000 या Rs. 2500 + Rs. 2500 + Rs. 2500 +Rs. 2500) ट्रांसक्शन्स में नगद निकासी करता है। इस प्रकार से ट्रांसक्शन करने पर ग्राहक का मंथली लिमिट ख़त्म हो जाता है और उसी महीने में अधिक नगद निकासी नहीं कर पाता है। कुछ बैंक्स लिमिट ख़त्म होने पर ग्राहक से चार्ज वसूलते है।

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इसलिए NPCI ने गाइडलाइन जारी करके बैंकों को निर्देश दिया है की उक्त बैंको के BC एजेंट या BC सब-एजेंट, इस तरह से लेनदेन नहीं करेंगे। यदि करते है तो आईडी को बैंक द्वारा ब्लॉक कर दिया जायेगा।

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Written by

Nandeshwar Katenga

Nandeshwar Katenga is a dynamic figure in the digital world, combining a foundation in Computer Programming with a passion for Digital Marketing, Web/App development, Personal finance, and blogging. His diverse skill set creates a unique blend of expertise that sets him apart in the tech world.

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