करेंट अकाउंट क्या होता है?
Current Account को चालू खाता भी कहा जाता है। यह अकाउंट उन लोगों के लिए होता जो रोजाना पैसे के लेनदेन बड़े पैमाने पर करते है। इस प्रकार का बैंक अकाउंट कंपनी या बड़े व्यापारी इस्तेमाल करते है, जिन्हे रोज अधिक पैसों की लेनदेन करना पड़ता है। आइए, इसे विस्तार और जानते हैं।
1. करेंट अकाउंट बिजनेस चलाने वाले लोगों के लिए एक बैंक खाता होता है. यह रोजमर्रा के बिजनेस ट्रांजेक्शन करने की सहूलियत देता है।
2. करेंट अकाउंट में पड़े पैसे को किसी भी समय बैंक की शाखा या एटीएम से निकाला जा सकता है। इसमें किसी तरह की कोई मर्यादा/लिमिट नहीं होती है। खाताधारक कितनी भी बार चाहें पैसे को निकाल या जमा कर सकते हैं। यानी चालू खाते में आप अपनी मर्जी से दिन में जितने चाहें उतने लेनदेन कर सकते हैं।
3. इस खाते का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन या चेक ट्रांजेक्शन के लिए होता है।
4. बिजनेस की जरूरत के अनुसार करेंट अकाउंट में जमा पैसा अक्सर अधिक या कम होते रहता है। लिहाजा, बैंक इस पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
5. सेविंग बैंक अकाउंट में जहां आपको बैलेंस पर ब्याज मिलता है। वहीं, चालू खाते के बैलेंस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। करेंट अकाउंट खोलने के लिए आप आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, फोटो और पासपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सेविंग अकाउंट में ग्राहक अपने पैसे बचत करने के लिए डिपाजिट करता है और 3-4% तक ब्याज अर्जित कर सकता है। करंट अकाउंट – बार बार पैसो की लेनदेन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
सेविंग अकाउंट एक व्यक्ति या एक से अधिक लोगों का समूह मिलकर जॉइंट सेविंग अकाउंट खोल सकते है। यह अकाउंट पैसे की बचत के लिए खोला जाता है। Current account बार बार पैसे जमा या निकालने के लिए व्यापारी या कंपनी द्वारा खोला जाता है।
Savings account में 500 से 5000 रूपये का रकम मेन्टेन करना होता है, इसी प्रकार Current account में मंथली एवरेज बैलेंस मेन्टेन करना पड़ता है। लेकिन सेविंग अकाउंट से अधिक पैसा करंट अकाउंट MAB के रूप में रखना होता है।
5) ब्याज
बचत खाताधारक को बैंक द्वारा जमा किये गए रुपयों पर ब्याज दिया जाता है, जबकि चालू खाताधारक को किसी प्रकार की ब्याज दिया नहीं जाता है।