वर्ष 2020 के बजट के नए प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे करदाता जो पिछले तीन वर्षों से अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके लिए Cash Withdrawal पर टीडीएस की सीमा को घटाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। यदि आप पिछले तीन वर्षों से इनकम टैक्स फाइल नहीं किया है, तो एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख से अधिक नगद निकाशी करने पर आपके बैंक अकाउंट से 2% – 5% के हिसाब से TDS कटा जायेगा।
इससे पहले, केंद्रीय बजट 2019 में नकद भुगतान को हतोत्साहित करने और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर Tax Deducted at Source(TDS) की कटौती के लिए धारा 194N की शुरुआत की है।
आइये इसे संक्षिप्त में समझने की कोशीश करते है।
यदि आप पिछले तीनों सालों का ITR भर चुके है और उसके बाद नए वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ से अधिक रकम नगद निकासी करते है, तो आपके बैंक खाते से 2% के दर से बैंक द्वारा TDS काटा जायेगा।
अगर आपने पिछले तीन वित्तीय वर्षों का ITR File नहीं किया है, तो आपको एक वित्तीय वर्ष में निकाले गए 20 लाख रूपये से अधिक नगद निकासी पर 5% के दर से TDS काटा जायेगा।
यदि आपको किसी थर्ड पार्टी द्वारा चेक में पेमेंट किया जाता है, इस स्थिति में आप कोई बैंक अकाउंट होल्डर नहीं है। इस मामले बैंक आपको पेमेंट नहीं कर रही है बल्कि थर्ड पार्टी पेमेंट कर रहा है, इसलिए, इस कैसे में Section 194N लागु नहीं होगा।
एक वित्तीय वर्ष के दौरान 1 करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी के मामले में धारा 194N लागू होगा। यह धारा एक वित्तीय वर्ष में किसी विशेष भुगतानकर्ता से निकाली गई राशि या कुल राशि पर लागू होगा। जैसे –
सरकार ने 5 जुलाई 2019 को प्रस्तावित केंद्रीय बजट 2019 में धारा 194N पेश की है। देश में नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए, ‘Section 194N’ पेश किया गया है।
यदि आप कोई भी बैंक, को – ऑपरेटिव बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस से निर्धारित राशी से ज्यादा अमाउंट निकासी करते है तो सेक्शन 194N लागु होगा।
इस धरा के तहत निम्न दिए सूचि के व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को TDS 194N लागू नहीं होगा।
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भुगतानकर्ता को एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक का नकद भुगतान करते समय भुगतानकर्ता द्वारा टीडीएस काट लिया जाएगा। यदि प्राप्तकर्ता नियमित अंतराल पर एक राशि निकालता है, तो भुगतानकर्ता को उस राशि से टीडीएस काटना होगा, जब एक वित्तीय वर्ष में कुल राशि 1 करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है।
साथ ही एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि पर टीडीएस लगेगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 99 लाख रुपये निकालता है और अगली निकासी में 1,50,000 रुपये की राशि निकाल ली जाती है, तो टीडीएस देयता केवल 50,000 रुपये की अतिरिक्त राशि पर होती है।
धारा 194N के तहत भुगतानकर्ता को एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक के नकद भुगतान/निकासी पर 2% की दर से टीडीएस काटना होगा। इस प्रकार, उपरोक्त उदाहरण में, टीडीएस 50,000 रुपये पर 2% यानी 1,000 रुपये पर होगा।
यदि धन प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने वर्ष से ठीक पहले तीन वर्षों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो कर कटौती की सीमा 20 लाख रुपये है। टीडीएस 20 लाख रुपये से अधिक और 1 करोड़ रुपये तक के नकद भुगतान/निकासी पर 2% और 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी के लिए 5% है।
Note:
This post was last modified on 28/08/2022 12:11 pm
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